इटारसी। इटारसी थाने के दो सिपाहियों को एक सराफा कारोबारी के प्रतिष्ठान पर भेजकर रुपए लेने का दबाव बनाने का मामला सामने आया है। इस मामले ने इटारसी पुलिस को भी सकते में डाल दिया है। एक कथित महिला एसआई द्वारा इटारसी पुलिस थाने में पदस्थ दो सिपाहियों का उपयोग कर सराफा के ज्वेलर्स से 15 हजार की ऑनलाइन ठगी और दोबारा वसूली के लिए सिपाहियों के भेजने का मामला सामने आने के बाद अब सिपाहियों की भी चिंता बढ़ गई है। सराफा एसोसिएशन ने मामले में जांच की मांग पुलिस के आला अफसरों से की है। एसडीओपी मामले की जांच करेंगे।
ये है मामला- नर्मदापुरम थाने की एसआई बनकर किसी महिला ने इटारसी थाने में पदस्थ दो सिपाहियों को सराफा बाजार में स्थित नयनतारा ज्वेलर्स के पास भेजकर चोरी के जेवर खरीदी का आरोप लगाते हुए धमकाया और ऑन लाइन 15 हजार रुपए ले लिए। 15 हजार रुपये लेने के बाद महिला द्वारा जब दोबारा रुपए की मांग की। आज इस मामले में नया मोड़ आ गया, जब थाने में पदस्थ दो सिपाही मामले की जांच के नाम पर उक्त सराफा दुकान पर पहुंचे। व्यापारी ने संदेह होने पर आरक्षकों के वीडियो बना लिए और मामला सराफा एसोसिएशन के पास पहुंच गया। संगठन के अध्यक्ष यज्ञदत्त गौर और व्यापारी अर्जुन भोला ने उक्त कथित महिला से बातचीत की तो मामला संदिग्ध लगा। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से मामले में जांच की मांग की। अब पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
व्यापारी को बयान के लिए बुलाया- एसडीओपी महेन्द्र सिंह चौहान ने व्यापारी को इस मामले में बयान दर्ज करने बुलाया है। द्वारिकाधीश मंदिर रोड पर स्थित नयनतारा ज्वेलर्स के संचालक के अनुसार 22 मार्च को उनके पास सरला यादव नमक महिला का फोन आया। उसने कहा कि वह कोतवाली में एसआई है, तुमने एक महिला से चोरी के जेवर खरीदे हैं, हमें रुपये दे दो, इस रुपये से हम जेवर खरीदकर जब्ती बना लेंगे, और आपके खिलाफ कोई मामला नहीं बनाएंगे। यह सुनकर संचालक डर गया, उसने बिना सोचे समझे महिला के बताए एक नंबर पर ऑनलाइन 15 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए, यह मोबाइल किसी नरेन्द्र चौधरी के नाम पर था।उसके बाद भी लगातार कारोबारी के पास कॉल आते रहे, गुरुवार को भी महिला के नंबर से व्यापारी के पास फोन आए और रुपये देने की मांग की गई। व्यापारी ने कहा कि ऑनलाइन रुपये नहीं है, आप किसी को भेज दें। शुक्रवार को रुपए का इंतजाम होने की बात की तो कथित महिला अधिकारी से बातचीत के बाद शाम को थाने से दो पुलिसकर्मी सुनील ओझा एवं गजेन्द्र व्यापारी के प्रतिष्ठान पर पहुंच गए। संदेह होने पर सराफा एसोसिएशन अध्यक्ष यज्ञदत्त गौर, अर्जुन भोला ने कोतवाली टीआई विक्रम रजक से महिला अधिकारी के बारे में जानकारी जुटाई, रजक ने कहा कि इस नाम की कोई महिला यहां पदस्थ नहीं है। टीआई रामसनेही चौहान ने भी प्रकरण को लेकर अनभिज्ञता जताई, इसके बाद व्यापारी को जांच के लिए एसडीओपी महेन्द्र सिंह चौहान ने थाने बुला लिया। प्रकरण में इटारसी थाने के दो पुलिसकर्मियों के पहुंचने से मामला संदिग्ध हो गया है, अब इन पुलिसकर्मियों से भी बयान लिए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार ठगबाज महिला ने थाने में फोन कर प्रकरण की जांच के लिए आरक्षकों को भेजने की बात कही थी, वहीं पुलिसकर्मी खुद को बेकसूर बता रहे हैं। पलिसकर्मियों के अनुसार ठगबाज महिला ने थाने में फोन कर प्रकरण की जांच के लिए आरक्षकों को भेजने की बात कही थी, पुलिसकर्मियों के अनुसार ठगबाज महिला ने थाने के लैंडलाइन नंबर पर पहले सराफा बीट के तैनात जवानों से कारोबारी का नंबर मंगाया था, इसके बाद कहा कि दुकान संचालक के खिलाफ मामला दर्ज है, उनका चालान पेश करना है, इस हाजिरी की सूचना देने के नाम पर आरक्षकों को भेजा गया। पुलिसकर्मियों ने आनाकानी की, तब जवानों को धमकाया गया कि सहयोग नहीं करेंगे तो आला अफसरों को शिकायत की जाएगी, इसके बाद जवान दुकान पर पहुंचे। पुलिसकर्मियों ने कहा कि हमें इस धोखाधड़ी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
इनका कहना है…..
हमारे यहां कोतवाली थाने में इस नाम की कोई भी महिला अधिकारी नहीं है।
विक्रम रजक, कोतवाली
यह मामला बड़ा गंभीर है। व्यापारी के बयान लिए जाएंगे उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
महेंद्र सिंह चौहान, एसडीओपी इटारसी