नर्मदापुरम। नर्मदापुरम नगरपालिका का विशेष सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में शहर के विकास के लिए विभिन्न प्रस्तावों पर चर्चा हुई। पार्षदों से विचार मंथन के बाद शहर के विकास से जुड़े प्रस्तावों को पारित किया गया। इस बैठक में शहर के विकास के लिए करीब डेढ़ अरब का बजट पारित किया गया।
बैठक में राजघाट का सौंदर्यीकरण, नर्मदा नदी से पानी लेने जल संसाधन विभाग से अनुबंध एवं भुगतान करने, आधुनिक बस स्टेंड का निर्माण करने, नर्मदा कॉरीडोर निर्माण करने, वार्ड 22 में मनमोद से ेरेलवे क्रासिंग तक 30 लाख से सड़क निर्माण करने, वार्ड 8 में करीब 40 लाख की लागत से विभिन्न स्थानों पर पेवल ब्लॉक लगाने, नगरीय क्षेत्र की कॉलोनियों का अधिग्रहण करने, अमृत योजना के तहत जलप्रदाय योजना का ऑपरेशन एवं मेंटनेंस का काम इंडियन ह्यूमन पाइप कंपनी को देने, शहर के चौराहों पर हाईमास्ट लैंप लगाने, स्वास्थ्य शाखा में 60 लाख की लागत से 10 नए ऑटो खरीदने, क्वालिटी पैरामीटर लैब की व्यवस्था वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में करने, वार्ड 27 में मेन रोड से कबीर पंथी तक ४४ लाख 95 हजार रुपए की सड़क, वार्ड 19 में रेलवे पुलिया से आदमगढ़ में मुन्ना के निवास तक सड़क रिनोवेशन व पेबल ब्लॉक पर 51.६६ लाख रुपए खर्च करने, नेहरू पार्क के पास नवीन शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का नया प्राक्कलन तैयार करने, गीले कचरे के लिए 1 कॉम्पेक्टर खरीदने, 19 नग ऑटा टिपर व 5 टाटा ४०७ की दर खरीदी सहित शहर में सड़क और नाले-नालियों के प्रस्ताव पारित किए गए।
इनका कहना है
परिषद के सम्मेलन में शहर विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई है। परिषद के सभी सदस्यों ने शहर के विकास से जुड़े मुद्दों पर अपनी सहमति दी है। परिषद में जिन विकास कार्यों की सहमति हुई है जल्द ही उन पर काम चालू किया जाएगा।
नीतू यादव, नपाध्यक्ष नर्मदापुरम
मीडिया को रखा सम्मेलन से दूर
नर्मदापुरम नगरपालिका के विशेष सम्मेलन में शुक्रवार को बड़ा अजीब निर्णय हुआ। सम्मेलन के कवरेज के लिए पहुंचे मीडियाकर्मियों को नगरपालिका के जिम्मेदारों ने बैठक कक्ष से बाहर चले जाने का फरमान सुना दिया। नपा के जिम्मेदारों का यह फरमान कुछ पत्रकारों को गले भी नहीं उतरा और उन्होंने नपा के जिम्मेदारों को उस नियम का हवाला भी दिया जिसमें दर्शक दीर्घा में बैठने का अधिकार आम जनता को है मगर इस नियम की अनदेखी करते हुए सिर्फ मीडियाकर्मियों को ही बैठक से दूर रखा गया, अलबत्ता बैठक में महिला पार्षदों के पति, जनप्रतिनिधियों के प्रतिनिधि और कुछ ठेकेदार भी आते-जाते रहे जिनसे नपा के जिम्मेदारों को कोई तकलीफ नहीं थी। नर्मदापुरम नगरपालिका भले ही ऑल इज वेल की बीन बजा रही हो मगर नपा के सम्मेलनों में मीडिया की रोक का यह फैसला फिज़ा में ये सवाल खड़े कर रहा है……. कि आख़िर ऐसा क्यों????