नर्मदापुरम्। जिला कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के अवैध रेत उत्खनन रोकने के निर्देशों को हाशिए पर डाल दिया गया है। जिले में रेत चोरी का काम बेधड़क चालू है और सबसे खास बात ये है कि रेत चोरी से जेब गर्म करने के खेल में पुलिस और प्रशासन जिसमें खनिज महकमा भी शामिल है, के कुछ जिम्मेदार शामिल हैं। रेत खदानों से पीले सोने की चोरी इस बात का संकेत है कि रेत के इन सफ़ेदपोश बड़े कारोबारियों या यूं कहें बड़े रेत चोरों को संरक्षण जरूर मिल रहा है। कोई ऐसा हाथ इन रेत चोरों को पीछे से टेका जरूर लगा रहा है जिसके चलते ये रेत चोर रात के अंधेरे मे तवा -नर्मदा को जेसीबी,पोकलेन,और लोडर से छलनी करने पर आमादा हैं।
बेरोकटोक हो रहा रेत खनन
रेत चोरों के लिए नर्मदापुरम जिला कमाई की जगह बन गया है और यही वजह है कि रेत चोरी के इस खेल में कुछ नेताओं के करीबी भी जुड़े हुए है। सूत्रों की मानें तो बनखेडी की दूधी नदी, वैदर सहित आसपास की नदियो से 24 घण्टे रेत का जमकर अवैध उत्खनन व परिवहन हो रहा है। पिपरिया, सोहागपुर, माखननगर, नर्मदापुरम, सिवनीमालवा,सहित इटारसी के आसपास की ऐसी कोई खदान नही है जहां रेत चोरों की नजर नही हो। सभी जगहों पर देर रात रेत माफिया सक्रिय होकर अवैध उत्खनन व परिवहन कर रहा है। आचंलखेडा, निमसाडिया, मनवाडा, पवारखेडा,गूजरवाडा,रजौन,गुराडिया सहित तवा -नर्मदा की दर्जनो रेत खदानो मे देर रात रेत चोरों की सक्रियता देखी जा सकती है।
सैया भये कोतवाल, डर काहे का
नर्मदापुरम जिले की रेत खदानों पर सक्रिय रेत माफिया ये पंक्तियां गुनगुना रहे हैं कि सैया भये कोतवाल तो अब डर काहे का। इसका सीधा सा मतलब ये है कि जिस खनिज विभाग पर रेत चोरी रोकने और रेत माफियाओं पर नकेल कसने की जिम्मेदारी है वही गोरखधंधे की अनदेखी क्यों कर रहा है। इस्की 2 वजहें ही हो सकती हैं पहली या तो खनिज विभाग को कार्रवाई से रोकने के ऊपर से ही आदेश हैं या दूसरी खुद खनिज महकमे के जिम्मेदार इस खुली लूट में पार्टनर हैं। बात थोड़ी कड़वी है मगर इसका जवाब तो विभाग को देना ही पड़ेगा कि जब जिले की 118 खदाने पूरी तरह बंद है तो फिर रात के अंधेरे मे रेत का खेल किसके इशारे पर चल रहा है ?
दूसरे की रोयल्टी पर रेत चोरी
नर्मदापुरम की डोंगरवाड़ा, पवारखेडा, गूजरवाडा, मनवाडा, राजौन ,मरोडा ,जासलपुर , मालहनवाडा, कीरपुरा,दूधी नदी सहित तवा व नर्मदा की दर्जनो खदानो मे देर रात तक माफियाओं के डंपर, लोडर व जेसीबी उतर रही है। उल्लेखनीय है कि जब जिले की 118 रेत खदानो का ठेका आरकेटीसी कंपनी के हवाले था तब इतनी रेत चोरी नही थी। अभी आरकेटीसी का प्रकरण न्यायालय मे विचाराधीन होने के कारण रेत माफियाओ ने सीहोर जिले की रेत कंपनी पावरमेक की रायल्टी पर नर्मदापुरम की बंद खदानो से रेत का अवैध उत्खनन व परिवहन का काम चालू किया है और महकमे के जिम्मेदार अधिकारी आल इज वेल की बाँसुरी बजाने में लगे है।