इटारसी पहुँचे श्री वानमामलै रामानुज जीयर स्वामी जी, पुष्प वर्षा से महाराज का स्वागत हुआ…

इटारसी। अंतरराष्ट्रीय रामानुज संप्रदाय की सबसे महत्वपूर्ण और प्रमुख बड़ी गादी श्री श्री रामानुज स्वामी के द्वितीय अवतार वरवरमुनि स्वामी द्वारा स्थापित अष्ट गादी में प्रधान एवं प्रथम श्री तोतादृ (श्री वानमामलै रामानुज जीयर गादी) के 31 वें पीठाधिपति अनन्तश्री विभूषित मधुरकवि वानमामलै रामानुज जीयर स्वामी नैमिषारण्य प्रवास के अंतर्गत सोमवार को इटारसी पधारे । श्रीनिवास मंडपम गोष्टी के धर्म अनुरागी सदस्यों ने सनखेड़ा स्थित फोरलेन पर पूज्य महाराज की अगवानी की। बड़ी संख्या में वाहनों से वे यहां पहुंचे थे। वर्धा से इटारसी आते समय महाराज का जोरदार स्वागत इटारसी गोष्टी ने किया। उनको लेने के लिए श्री श्री 1008 युवराज स्वामी रामकृषणाचार्य इटारसी से वर्धा गए थे। पूरे कार्यक्रम की अगवानी एवं मार्गदर्शन युवराज रामाकर्षनाचार्य का रहा। इटारसी में जीयर स्वामी का पूरे शहर में जगह-जगह भव्य और ऐतिहासिक स्वागत हुआ। पुष्प वर्षा करके श्रद्धालुओं ने उनका अभिवादन किया। सराफा बाजार में अग्रवाल परिवार, तुलसी चौक पर चांडक परिवार,जय स्तंभ चौक पर संयुक्त व्यापारी महासंघ द्वारा उनका स्वागत किया गया। श्रीनिवास मंडपम पहुंचने पर पूज्य महाराज का पद प्रक्षालन किया गया। पादुका पूजन एवं आरती की गई । इस अवसर पर बड़ी संख्या में गोष्टी के सदस्य एवं भागवत जन उपस्थित थे। जीयर स्वामी महाराज ने सभी भक्तों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि इस कलयुग में केवल धर्म ही एक आधार है और धर्म की धुरी साक्षात श्रीमन्नारायण है। आप सभी को रामानुज इतनी शक्ति दे कि आप स्वयं का परिवार का एवं राष्ट्र का उत्थान करने में समर्पित कर सकें। उन्होंने इटारसी में हुए भव्य स्वागत के लिए श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया। बड़े सरकार सुदर्शनाचार्य एवं युवराज रामकृषणाचार्य ने पूज्य महाराज का सम्मान किया । जीयर स्वामी का रात्रि प्रवास इटारसी श्री निवास मण्डप (स्टेट बैंक कॉलोनी ) श्री श्री 1008 स्वामी सुदर्शनाचार्य महाराज के स्थान में होगा। दूसरे दिन मंगलवार को जीयर स्वामी प्रातः कटनी के लिये प्रस्थान करेंगे। ज्ञातव्य है कि इटारसी के सुदर्शनाचार्य महाराज इसी तोतादृ गादी की शिष्य परम्परा के वैष्णव आचार्य हैं। विगत लगभग 40 वर्ष से इटारसी में निवास करते हुए देश भर में धर्म प्रचार कर रहे हैं । वर्त्तमान में इनके उत्तराधिकारी युवराज स्वामी रामकृष्णाचार्य भी धर्मप्रचार में संलग्न हैं । युवराज स्वामी रामकृष्णाचार्य ने बताया कि वानमामलै रामानुज जीयर स्वामी का पदार्पण इटारसी नगर में प्रथम बार नैमिषारण्य जाते हुए हो रहा है। स्वामी जी नानगुनेरी (तमिलनाडु ) से सड़क मार्ग से चेन्नई, हैदराबाद,वर्धा होते हुए इटारसी आये।