संघर्ष की मिसाल टंट्या मामा को किया याद, आदिवासी समाज का बताया गौरव..

इटारसी। आदिवासी जननायक क्रांतिवीर स्वतंत्रता संग्राम के सैनिक रॉबिन हुड टंट्या मामा भील के शहादत दिवस पर एकलव्य संस्था में टंट्या मामा के तैल चित्र पर पुष्प अर्पण कर श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर युवा पार्षद राहुल प्रधान ने कहा कि स्वयं प्रताड़ित अंग्रेजी सत्ता ने उन्हें जननायक टंट्या भील को रॉबिनहुड का खिताब दिया था। अंग्रेजी दमन को ध्वस्त करने वाले मामा टंट्या भील संघर्ष के मिसाल है। आज भी उनकी गौरव गाथा और उनकी शौर्य की छवियां हमारे दिल में है। महान टंट्या भील से टंट्या मामा बनने की एक रोचक कहानी है जिस प्रकार बेटी के ब्याह में मामा तमाम रस्मों को पूरा करता है वैसे ही महान जनजाति जननायक टंट्या भील समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए करते थे जिस वजह से उन्हें टंट्या मामा भील के नाम से संबोधित किया जाने लगा। इस अवसर पर युवा साथी प्रदेश सचिव आकाश कुशराम, रजत मर्सकोले, मोर्चा मंडल अध्यक्ष संजय युवने, पवन मर्सकोले, विवेक युवने, भगवानदास सलाम, सौरभ धुर्वे एवं बड़ी संख्या में मातृशक्ति युवा साथी और समाजिक गण उपस्थित रहे।