इटारसी लोको शेड में 12 हजार हॉर्सपावर क्षमता के 2 इंजनों की हो रही कमिशनिंग, 11 मार्च से 1 इंजन आ जाएगा पटरी पर….

रेलवे में तकनीकी क्रांति: भोपाल मंडल के इटारसी लोको शेड में हाई-टेक लोको की कमीशनिंग!

12000 HP की नई ताकत! भोपाल मंडल को मालवाहन में मिलेगी रफ्तार और सुरक्षा

इटारसी। इटारसी का लोको शेड हर बार अपनी उपयोगिता साबित कर रहा है और इस बात के संकेत दे रहा है कि अगर रेलवे इटारसी पर ध्यान दे तो और बहुत से क्षेत्रों में इटारसी रेलवे के लिए बड़ा उपादेय साबित हो सकता है। रेलवे लोको शेड इटारसी ने 12 हजार हॉर्सपावर की क्षमता वाले अत्याधुनिक तकनीक से युक्त दो इंजनों की कमीशनिंग का काम पूरा कर लिया है। इनमें से एक लोको यानी इंजन 11 मार्च 2025 से पटरी पर भी आ जाएगा। दूसरा लोको भी बहुत जल्द पटरी पर आने की उम्मीद है। इससे रेलवे की माल ढुलाई में तेजी आ जाएगी।

इन पर हुआ है काम

पश्चिम मध्य रेल महाप्रबंधक  शोभना बंदोपाध्याय के मार्गदर्शन एवं मंडल रेल प्रबंधक देवाशीष त्रिपाठी के निर्देशन में भोपाल मंडल के अंतर्गत आने वाले विद्युत् लोको शेड इटारसी में अत्याधुनिक तकनीक से युक्त EF12K मल्टी लोको नंबर 65036 एवं 65059 का कमीशनिंग कार्य किया जा रहा है। यह अत्याधुनिक लोको 12000 हॉर्स पॉवर की क्षमता से लैस है, जो कि सामान्य लोकोमोटिव की तुलना में लगभग दोगुनी शक्ति प्रदान करता है, जो इसे और भी शक्तिशाली बनाता है। इसकी सहायता से मालवाहक गाड़ियों का संचालन पहले की तुलना में अधिक प्रभावी और तेज़ी से किया जा सकेगा। एक लोको कल दिनांक 11 मार्च से अपनी सेवाएँ देने लगेगा और दूसरा लोको लगभग एक सप्ताह बाद कमीशनिंग होकर उपलब्ध हो जायेगा|

इन लोको की खास विशेषताएं

  1. वेस्टिब्यूल कनेक्शन: इस सुविधा के माध्यम से एक लोको से दूसरे लोको में सुगमता से प्रवेश किया जा सकेगा, जिससे लोको स्टाफ का आवागमन अधिक सरल हो जाएगा। इसके अलावा, यह सुविधा आपातकालीन परिस्थितियों में लोको स्टाफ को सुरक्षित रूप से एक लोको से दूसरे में जाने में भी सहायक होगी।
  2. सिग्नल एक्सचेंज लेम्प: लोको कैब के भीतर ही यह सुविधा दी गई है, जिससे लोको पायलट को बिना हाथ बाहर निकाले ही सुरक्षित रूप से सिग्नल एक्सचेंज करने में सहूलियत मिलेगी। इससे परिचालन अधिक सुरक्षित और कुशल हो सकेगा।
  3. वाटरलेस यूरिनल: लोको पायलटों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इस अत्याधुनिक सुविधा को शामिल किया गया है।
  4. कैब एसी: लोको पायलट के लिए लंबी यात्राओं के दौरान आराम सुनिश्चित करने और गर्मी के मौसम में थकान को कम करने के लिए लोको में एसी की सुविधा दी गई है, जिससे कार्य के दौरान उनकी उत्पादकता बढ़ सके।
  5. रिमोट मॉनिटरिंग सिस्टम: इस प्रणाली के तहत लोको की लोकेशन और संभावित फेल्योर डाटा को रिमोटली मॉनिटर किया जा सकता है, जिससे परिचालन अधिक विश्वसनीय और कुशल हो सकेगा.

भारतीय रेलवे की बड़ी उपलब्धिइस लोको की ढुलाई क्षमता 12000 हॉर्स पॉवर है, जिससे यह लोको अधिक माल लदान में सक्षम है। इसकी अधिक क्षमता के कारण मालगाड़ियों के संचालन में तेजी आएगी, जिससे यात्रा का समय कम होगा और अधिक माल एक बार में ले जाना संभव होगा। है, जिससे यह लोको अधिक माल लदान में सक्षम है। इससे भारतीय रेलवे द्वारा अधिक मालगाड़ियों के संचालन और 3000 मीट्रिक टन के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता मिलेगी

इस लोको की ढुलाई क्षमता 12000 हॉर्स पॉवर है, जिससे यह लोको अधिक माल लदान में सक्षम है। इसकी अधिक क्षमता के कारण मालगाड़ियों के संचालन में तेजी आएगी, जिससे यात्रा का समय कम होगा और अधिक माल एक बार में ले जाना संभव होगा। है, जिससे यह लोको अधिक माल लदान में सक्षम है। इससे भारतीय रेलवे द्वारा अधिक मालगाड़ियों के संचालन और 3000 मीट्रिक टन के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता मिलेगी

किसने क्या कहा

नवीनतम तकनीक से युक्त इन लोको के कमीशनिंग से रेलवे के माल लदान में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और इससे रेलवे की कार्यक्षमता भी बेहतर होगी। इस महत्वपूर्ण पहल से भारतीय रेलवे के राजस्व में भी वृद्धि होगी।

सौरभ कटारिया, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक भोपाल

अभी तक भोपाल मंडल में इस प्रकार के दो ही लोको उपलब्ध है जिनकी कमीशनिंग का काम किया गया है। जल्द ऐसे अन्य और लोकों भी तैयार किए जायेंगे।

नीरज कुमार शर्मा, वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता (कर्षण चल स्टॉक)

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