नर्मदापुरम। नर्मदापुरम शहर के हरियाली चौक स्थित स्थित स्वास्तिक अस्पताल अचानक ही सुर्खियों में आ गया है। हॉस्पिटल के डायरेक्टर, उसके दो भाई और चाचा के खिलाफ छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज किया गया है। यह मामला हॉस्पिटल की महिला स्टाफ की शिकायत पर दर्ज हुआ है। हॉस्पिटल की पार्टनरशिप में शामिल महिला डॉक्टर ने हॉस्पिटल के डायरेक्टर रमीज अली, उसके भाई अनस, इमरोज और चाचा पर घर में घुसकर छेड़छाड़ और हॉस्पिटल छोड़ने के लिए धमकाने के आरोप लगाएं थे। मामले में पुलिस ने डॉक्टर की शिकायत के आधार पर दूसरी एफआईआर भी दर्ज की है।
बता दें स्वास्तिक हॉस्पिटल के दोनों पार्टनर डायरेक्टर और महिला डॉक्टर के बीच में कुछ दिनों से विवाद चल रहा था। दो दिनों से अस्पताल में मरीज भर्ती नहीं किए जा रहे। गुरुवार रात को 4 महिला स्टाफ ने कलेक्टर के नाम पर एक आवेदन देकर अस्पताल संचालक रमीज अली पर धर्म परिवर्तन, अश्लील इशारे और संबंध बनाने का दबाव डालने की शिकायत की। रात में शिकायत करने वाली महिला 4 कर्मचारियों के साथ पक्ष से हिन्दू संगठन के लोग भी देहात थाने पहुंचे। हॉस्पिटल के डायरेक्टर रमीज अली भी अपने पक्ष में हॉस्पिटल के 25 कर्मचारियों को लेकर देहात थाने शिकायत करने पहुंचा। उन्होंने हॉस्पिटल की पार्टनर महिला डॉक्टर, उक्त चार कर्मचारियों द्वारा की शिकायत और आरोपों को झूठा बताया। करीब 4 घंटे तक थाने में दोनों पक्षों की तरफ से घटनाक्रम चलते रहा। कुल 5 शिकायती पत्र दिए गए। महिला डॉक्टर की तरफ से अस्पताल के संचालक रमीज अली, उसके भाई अनस अली, इमरोज अली और उसके चाचा के खिलाफ छेड़छाड़ समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज करने आवेदन दिया गया था।
महिला डॉक्टर ने यह की शिकायत
फरियादी महिला डॉक्टर ने बताया वो स्वास्तिक अस्पताल नर्मदापुरम में रमीज अली के साथ पार्टनरशिप में अस्पताल संचालन कर रहे है, अस्पताल में तृतीय ताल पर महिला अपने बेटे के साथ रहती हूं। 19 फरवरी के रात्रि करीबन 1.30 बजे की बात है, महिला और उनका बेटा घर में ही थे, तभी रमीज अली उसके भाई अनस और इमरोज व रमीज का चाचा चारों लोग आएं दरवाजा खटखटाया मैंने दरवाजा खोला रमीज व उसके भाई और चाचा चारों लोगअन्दर आ गए। कहने लगे कि हॉस्पिटल छोड़कर चले जाना। रमीज ने मेरे दोनों हाथ पकड़कर छेड़छाड़ करने लगा, जब विरोध किया तो बोला कि मैं जो कहूँगा वो मानना पड़ेगा। मेरी आवाज सुनकर मेरा बेटा भी कमरे से बाहर आ गया और इन लोगों को बाहर जाने का कहा तो यह चारों ने मुझे जान से खत्म करने की धमकी और कहा अगर पुलिस मे रिपोर्ट कराई तो तुम्हारी बदनामी कर देंगे। 26 फरवरी दोपहर में चारों लोग अस्पताल छोड़ने की बात को लेकर धमकी दे रहे थे। डर के चलते गुरुवार रात को हिम्मतकर थाने पहुंची। (जैसा एफ़आईआर में लिखवाया)
*भुगतान की जगह दे रहे थे धमकी*
महिला डॉक्टर ने कहा कि स्टाफ को रमीज परेशान कर रहे थे। काम पूरा कराया और स्टाफ को रुपए नहीं दिए। महिला स्टाफ को उनके लड़के कमेंट करते थे। मैंने भोपाल थाने में आवेदन दिया है। अस्पताल छोड़ने का दबाव बना रहे हैं। मुझे जान का खतरा लगा तो मैं नागपुर आ गई। जमीन, बिल्डिंग इन लोगों की है। बाकी काम इक्यूपमेंट, मशीनें मेरे आने के बाद आए हैं। 9 महीने में 150 डिलेवरी की है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है अच्छी इनकम हुई है। इन्होंने शुरू से रुपए नहीं दिए हैं। मैं कोई विवाद नहीं चाहती हूं।
*हॉस्पिटल संचालक बोले, मैडम ने 50 लाख की रखी थी मांग*
रमीज अली का कहना है कि हॉस्पिटल की महिला डॉक्टर के साथ मेरी पार्टनरशिप है। मैं पार्टनरशिप खत्म करना चाहता हूं। डॉ. ने अपनी 4 करीबी कर्मचारी को रुपए देकर मेरे ऊपर गलत आरोप लगाए हैं। आरोप निराधार हैं। मैं कोई विवाद नहीं चाह रहा था। 50 लाख की डिमांड मुझसे की है। उनकी महिला उत्पीड़न, साम्प्रदायिक माहौल क्रियेट कर फंसाने की मंशा है। मैडम से इस विषय को बैठकर निपटाने के लिए कहा था लेकिन उन्होंने चार लड़कियों से आरोप लगवा दिया है। बैंक स्टेटमेंट हैं, मैं एडवांस दे रहा हूं। पार्टनर को भी पेमेंट कर रहा हूं। 50-50% के पार्टनर हैं। इसमें सब कुछ मेरा है। वो सिर्फ डॉक्टर थी। 20 लाख इन्वेस्ट किया था वो अमाउंटू दे रहा था लेकिन उन्होंने 50 लाख मांगे हैं। मेरे विरुद्ध षड्यंत्र रचते हुए योजनाबद्ध तरीके से हॉस्पिटल में साम्प्रदायिक भेद-भाव का झूठा आरोप लगाया गया है, जबकि इस संबंध में हॉस्पिटल में कार्यरत लगभग 75-80 व्यक्तियों को किसी भी प्रकार की कोई आपत्ति नहीं है।
इनका कहना है
इस मामले में हॉस्पिटल संचालक सहित तीन अन्य परिजनों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। उन्हें नोटिस जारी किए जा रहे है। नोटिस देकर उनकी गिरफ्तारी की जाएगी।
पराग सैनी, एसडीओपी नर्मदापुरम
