–जमीन के लिए कलेक्टर को भेजे पत्र पर नहीं हुई कार्रवाई
इटारसी. शहर से निकलने वाले नालों का पानी आगामी समय में साफ-सुथरा होकर नदियों में छोडऩे के लिए इटारसी शहर में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (seevage treatment plant)बनाया जाना है। इसके लिए नगरपालिका परिषद इटारसी बहुत गंभीर है मगर कड़वा सच यह है कि उसके हाथ में कुछ भी नहीं है। कुछ माह पहले नपा परिषद के सम्मेलन में जमीन अधिग्रहित करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है। इटारसी नगरीय सीमा में जमीन नहीं है और इटारसी नपा को साकेत ग्राम पंचायत में जमीन चाहिए है जिसके लिए कलेक्टर को पत्र लिखा गया था। यह जमीन नर्मदापुरम अनुविभागीय क्षेत्र में आती है मगर अब जिला प्रशासन ने उस पत्र पर कोई कार्रवाई ही नहीं की है जिससे सीवेज प्लांट की योजना केवल कागजों में ही दफन है।
45 करोड़ से बनना है एसटीपी
इटारसी नगरपालिका ने दो बड़े नालों पर शहर के बाहरी हिस्से में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाने के लिए सर्वे किया है। दोनों एसटीपी बनाने में नगरपालिका को लगभग 45 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। मामले में नगरीय प्रशासन विभाग के आयुक्त को नपा ने जमीनी समस्या से अवगत कराया है। इटारसी नपा की जरुरत साकेत में जमीन मिलने पर ही पूरी होगी।
यहां बनेंगे दो एसटीपी
स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के तहत मप्र शासन ने तय किया है कि इटारसी में बहने वाले गंदें नालों के पानी का शुद्ध किया जाए। इसके लिए दो एसटीपी बनाने के लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है। पहला एसटीपी साकेत रोड के पास नारियल वाले हनुमान मंदिर क्षेत्र में बनेगा। जहां सीपीई से लेकर सोनासांवरी तक बहने वाला नाला आता है। दूसरा एसटीपी बूढ़ी माता मंदिर के पीछे की तरफ बनेगा। यहां पर मेहरागांव नदी आती है, जिसमें शहर के आधे हिस्से का गंदा पानी नालियों के जरिए मिलता है।
जमीन नहीं मिलने से काम रुका
शहर के गंदे नालों के पानी का शुद्ध करने के लिए योजना बनाई गई है। सर्वे किया जा चुका है, दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट(STP) बनाने की कार्ययोजना है। करीब 45 करोड़ रुपये इसमें खर्च होंगे। एक एसटीपी की क्षमता 10 लाख लीटर पानी स्टोर करने की होगी। एक एसटीपी निर्माण के लिए लगभग 6 हजार से 8 हजार वर्गफीट जमीन की जरुरत होगी। नालों के किनारे इतनी सरकारी जमीन की तलाश की जा रही है। कम से पांच एकड़ जमीन की जरूरत है।
पत्थर की दीवार का काम भी अटका
चारों तरफ से बरसाती नालों से घिरे शहर को बाढ़ से बचाने इन बरसाती नालों के दोनों तरफ पत्थर की दीवार बनाने का प्लान तैयार किया गया था। प्लान नगरीय प्रशासन विभाग को भेजा गया, लेकिन अब तक मंजूरी नहीं मिली है। जिसकी वजह से यह काम भी अटक गया है।
इनका कहना है
ट्रीटमेंट प्लांट के लिए जमीन नहीं मिल रही है। परिषद के सम्मेलन में जमीन अधिग्रहित करने का प्रस्ताव लाया गया था। कलेक्टर और नर्मदापुरम एसडीएम को भी पत्र लिखा था कि हमें साकेत क्षेत्र में जमीन की जरूरत है मगर अब तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
पंकज चौरे, नपाध्यक्ष इटारसी
इटारसी नपा ने साकेत क्षेत्र में जमीन मांगी है। हम खाली शासकीय जमीन की जानकारी जुटा रहे हैं। जमीन की उपलब्धता होने पर ही इटारसी नपा को जमीन देने पर वरिष्ठ अधिकारी निर्णय लेंगे।
नीता कोरी, एसडीएम नर्मदापुरम