जनप्रतिनिधियों की भूमिका करेगी डिसाइड, नर्मदा एक्सप्रेस वे नर्मदापुरम जिले को मिलेगा या फिर छिनेगा….

फाइल फोटो

राहुल शरण, नर्मदापुरम। नर्मदा एक्सप्रेस वे (narmda express way) की नर्मदापुरम जिले में एंट्री होगी या नहीं या फिर वह पल्ले पार से ही निकल जाएगा इसको लेकर अभी पक्के तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है मगर एक बात पक्की है कि नर्मदा एक्सप्रेस वे जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को लेकर जो राजनीतिक सक्रियता और इच्छाशक्ति राजनीतिक तौर पर प्रभावशाली नेताओं को दिखानी चाहिए वो जिले के जनप्रतिनिधियों में नजर नहीं आ रही है। पिछली शिवराज सरकार में यह जानकारी दिस से निकली थी कि नर्मदा एक्सप्रेस वे बुदनी से होते हुए उसी तरफ से निकलेगा मंगर हाल ही में प्रदेश के लोक निर्माण विभाग मंत्री और नर्मदापुरम जिला प्रभारी मंत्री राकेश सिंह के अभी रूट फाइनल नहीं होने के तर्क ने नर्मदापुरम जिले के लिए उम्मीदों को जिंदा रखा है। अब जिले के जनप्रतिनिधियों की भूमिका डिसाइड करेगी कि जिले में नर्मदा एक्सप्रेस वे की एंटी होगी या फिर यह जिले के हाथ से छिन जाएगा। जनप्रतिनिधियों को एकजुटता से इस प्रोजेक्ट की नर्मदापुरम जिले (narmdapuram district) में एंट्री की डिमांड सूबे की सूरत बदल सकती है। मध्यप्रदेश में सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे और प्रदेश की सबसे लंबी सड़क बनने जा रही है। करीब 12 सौ किमी. लंबी में सड़क प्रदेश के 11 जिलों से होकर गुजरेगी और इसके निर्माण में करीब 31 हजार करोड़ रूपए खर्च होंगे। इसे एक्सप्रेस-वे नाम दिया गया है जो कि यमुना एक्सप्रेस। वे से करीब 4 गुना बड़ा होगा। नर्मदा एक्सप्रेस वे जिन 11 जिलों से गुजरना है उनमें नर्मदापुरम जिला भी शामिल है मगर अब तक जिले के किस क्षेत्र से यह एक्सप्रेस गुजरेगा उसका खुलासा नहीं हो पाया है। हाल ही में नर्मदा एक्सप्रेस वे को लेकर जिन जिलों के नामों का खुलासा हुआ है उनमें नर्मदापुरम जिला शामिल है जबकि पिछली विस में जी एक विधायक के प्रश्न के जवाब में जो जानकारी दी गई थी उसमें नर्मदा एक्सप्रेस वे का रूट बुदनी से शिफ्ट होना बताया गया था।

यह बोले लोक निर्माण विभाग मंत्री

नर्मदापुरम प्रवास पर आए लोक निर्माण विभाग मंत्री राकेश सिंह से रीजनल वॉइस अखबार ने नर्मदा एक्सप्रेस वे के रूट और उसमें नर्मदापुरम जिले की एंट्री से जुड़ा सवाल किया तो उन्होंने कहा कि नर्मदापुरम एक्सप्रेस वे केंद्र सरकार का बहुत महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। यह एक्सप्रेस वे मप्र की सबसे लंबी सड़क हैं जिसका काम अमरकंटक से चालू हो गया है। केंद्र सरकार ने इसे।। नर्मदा किनारे से बनाने का निर्णय लिया है। अभी इसका रूट फाइनल नहीं हुआ है। इसमें अभी कई चरणों में बैठकें होना है उसके बाद ही इसका रूट फाइनल होगा। हमारा प्रयास होगा कि नर्मदापुरम जिले को इस प्रोजेक्ट का लाभ मिले।

दो राज्यों को जोड़ेगा

एक्सप्रेस-वे की बेहद खास बात ये है कि ये छत्तीसगढ़ और गुजरात राज्य को जोड़ेगा। अनूपपुर से ये छत्तीसगढ़ जुड़ेगा तो वहीं अलीराजपुर से अहमदाबाद से। इस एक्सप्रेस वे के बनने से दोनों राज्यों में साथ ही मध्यप्रदेश टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। लोग कम समय में तीनों राज्यों में पर्यटन का लुत्फ ले सकेंगे। इससे ओंकारेश्वर, अमरकंटक, भेड़ाघाट-लमेटाघाट में टूरिज्म बढ़ेगा। साथ ही निवेश की संभावनाएं भी बढ़ेगी।

31 हजार करोड़ का – है प्रोजेक्ट

मध्यप्रदेश में सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे और प्रदेश की सबसे लंबी सड़क बनने जा रही हैं। करीब 12 सौ किमी, लेबी ये सड़क प्रदेश के 11 जिलों से होकर गुजरेगी और इसके निर्माण में करीब 31 हजार करोड़ रूपए खर्च होंगे। इसे नर्मदा एक्सप्रेस-वे नाम दिया गया है जो कि यमुना एक्सप्रेस वे से करीब 4 गुना बड़ा होगा। नर्मदा एक्सप्रेस-वे से करीब 30 नेशनल हाइवे, स्टेट हाइवे और जिलों की सड़कें जुड़ेंगी जिससे इन जिलों में विकास को गति मिलेगी। इस काम की डेड वर्ष 2026 तय की गई है। सड़क के दोनों तरफ 100 मीटर का राइट ऑफ भी बनाया जा रहा है।

इन 11 जिलों से होकर गुजरेगा

नर्मदा एक्सप्रेस वे अनूपपुर जिले के अमरकंटक से अलीराजपुर जिले तक बनाया जा रहा है। ये अनूपपुर, डिंडोरी, मंडला, जबलपुर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, हरदा, खंडवा, खरगोन बड़वानी और अलीराजपुर से गुजरेगा। खास बात ये है कि इस एक्सप्रेस वे से जो स्टेट हाईवे कनेक्ट हो रहे हैं वो फिलहाल टू- लेन हैं लेकिन इन्हें भी आगे चलकर चौड़ा कर दिया जाएगा और ये फोरलेन जाएंगे। बसे शहरों और कस्बों के लोगों को फायदा होगा।

इनका कहना है

नर्मदा एक्सप्रेस वे का रूट अभी फाइनल नहीं हुआ। कई चरणों की बैठकें होना है।  हमारा प्रयास होगा कि नर्मदापुरम जिले में इसकों एंट्री हो।

राकेश सिंह, प्रभारी मंत्री नर्मदापुरम

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