लाल झंडा यूनियन अब बन गई है व्यापारी यूनियन, पैसे कमाकर खुद का भर रहे हैं बड़े पदाधिकारी अपना घर..

संघ के जोनल महामंत्री अशोक शर्मा के आरोप
इटारसी। 4 दिसंबर से 6 दिसंबर तक पूरे भारत में रेल कर्मचारियों के बीच यूनियन की मान्यता के चुनाव बहुत महत्वपूर्ण हैं। यह चुनाव बहुप्रतीक्षित हैं क्योंकि 13 साल बाद दिल्ली हाईकोर्ट के निर्णय से यह मान्यता चुनाव हो रहे हैं। इस चुनाव में हमारे तीनों मंडलों में वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ पूरी ताकत से उतर रहा है। इस चुनाव में कुछ छुटपुट यूनियनें भी पैदा हो गई हैं जो मजदूर आंदोलन को कमजोर करना चाहती हैं। ये ऐसी यूनियनें जिनका रेलकर्मियों के हितों में संघर्ष करने का कभी कोई इतिहास नहीं रहा है वे रेलकर्मियों से मत की उम्मीद कर रही हैं।
उक्त विचार वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ के जोनल महामंत्री अशोक शर्मा ने पत्रकार वार्ता में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि रेलकर्मी मतदाता बहुत समझदार हैं वे सब समझ रहे हैं कि कौन सा संगठन उन्हें ओपीएस दिलाने के लिए लड़ रहा है और कौन यूपीएस-एनपीएस के साथ खड़ा हो गया है। आज लड़ाई व्यापारी यूनियन और सरकार से है। व्यापारी यूनियन का मूल काम आज रेलकर्मियों के पैसों का दुरुपयोग कर सोसाइटी खोलना, गैस एजेंसी खोलना, बारात घर खोलना और ग्रॉसरी के डिपार्टमेंटल स्टोर खोलना रह गया है। इन संस्थानों से अपना घर भरना ही लाल झंडा यूनियन का मकसद रह गया है। 2004 के पहले इस यूनियन ने न्यू पेंशन स्कीम थोपकर 40 लाख कर्मचारियों के साथ धोखा किया और वर्ष 2024 में यूपीएस में भी लाल झंडा यूनियन ने कर्मचारियों को ठगा है। आज भी हजारों कर्मचारी एनपीएस-यूपीएस से संतुष्ट नहीं है। संघ जब तक ओपीएस लागू नहीं करा देता है तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। हमारी एक प्रमुख मांग आठवें वेतन आयोग की स्थापना की जाए। पिछले 9 वर्ष से हम सातवें वेतन आयोग को भोग रहे हैं बावजूद उसके वेज रिवीजन कमेटी का गठन नहीं किया गया है। एनएफआईआर ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि सातवें वेतन आयोग की रिकमंडेशन के अनुसार वेज रिवीजन कमेटी का गठन किया जाए। अभी एक परिवार को चलाने के लिए कम से कम ३२ हजार ५०० रुपए की आवश्यकता है। हमारी मांग है कि हर कर्मचारी के वेज में कम से कम 14 हजार रुपए की बढ़ोत्तरी की जाए। इससे पूर्व मुख्य शाखा अध्यक्ष प्रीतम तिवारी ने कहा कि लाल झंडा यूनियन रेलकर्मियों के हितों के साथ खिलवाड़ करती आई है। रेलकर्मियों ने इस बार ऐसे संगठन को कड़ा सबक सिखाने का मन बनाया है। प्राइवेट कंपनी के साथ गए कुछ लोगों का इस बार पिंडदान होना तय है जिसके बाद वो संगठन अब इटारसी में खड़ा नहीं हो पाएगा। इस अवसर पर जोनल संरक्षक गीता पांडे, मंडल कोषाध्यक्ष भागीरथ मीना, मंडल सहसचिव संजय कटारे, मुख्यालय कार्यकारिणी सदस्य संजय कैचे, महाकालेश्वर कश्यप, भगवती वर्मा, आकाश यादव, राजेश गौर सौरभ पांडे सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।