नर्मदापुरम विस चुनाव डॉ शर्मा का विरोध करने वालों की खोली कुंडली, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष भम्मू भैया ने दिखाए तीखे तेवर….

नर्मदापुरम। विधानसभा चुनाव में नर्मदापुरम विस में भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे डॉ सीतासरन शर्मा का भाजपा के ही एक धड़े ने परदे के पीछे से जमकर विरोध किया। इस धड़े ने निर्दलीय प्रत्याशी भगवती चौरे को चुनाव जितवाने के लिए पूरी ताकत लगाई मगर जनता ने भाजपा के पक्ष अपना निर्णय देकर विरोधी खेमे के मंसूबों पर पानी फेर दिया। इस घटनाक्रम के बाद अब पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष पंडित भवानी शंकर शर्मा ने विरोधी खेमे पर हमला बोला है। उन्होंने प्रेस वार्ता कर चुनाव में डॉ. सीताशरण शर्मा का विरोध करने वालों के खिलाफ जमकर बोला। उन्होंने कहा कि चुनाव में टिकट लेना है तो आप अपनी योग्यता से टिकट लें लेकिन किसी परिवार के ऊपर कि फलाने परिवार को ही हमेशा से टिकट मिल रही है यह आरोप लगाना सरासर गलत है। कुछ लोगों ने यह उड़ाया था कि 35 सालों से शर्मा परिवार को ही टिकट मिल रही है तो इसमें हमारा कहना है कि भारतीय जनता पार्टी को जो उचित उम्मीदवार लगा, उसे टिकट दी और उसका जवाब भी जनता ने विजय श्री दिला कर दिया। हमारा पूरा परिवार सफेद चादर की शाल और सफ़ेद कपड़े ओढ़ता है जिस पर एक भी दाग लग जायेगा तो वह दूर से ही नजर आ जाएगा। जबकि विरोधी अपने दामन में देखेंगे तो उसमें हजारों दाग है और वे रंगीन कपड़े पहने हुए है जिससे उनके दाग ढक जाते हैं। हमारे परिवार में कभी भी किसी ने कोई गलत कार्य नहीं किया है। यह शहर की जनता जानती है। उन्होंने कहा कि टिकट वितरण में परिवारवाद को लेकर उठे सवाल को लेकर मैं आप लोगों के सामने लाना चाहता था लेकिन किसी वजह से सामने नहीं आया। अब चुनाव भी संपन्न हो गए हैं और फैसला भी सबके सामने हैं। उन्होंने बिना नाम लिए हुए विरोधियों को जमकर कोसा और कहा कि जिसे हमने जनपद अध्यक्ष बनाया, आज वह हमारी बराबरी करने लगा है। चुनाव में उसका साथ एक निजी अस्पताल के संचालक ने दिया। अगर देखा जाए तो वह कुछ सालों पहले शहर में एक छोटे से रूप में आया और आज किस तरह से एक अस्पताल चल रहा है जिसने कोविड के समय कई लोगों से पैसे कमाए हैं। सरकार की आयुष्मान योजना से फायदा उठाया है। पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष जिन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना में करोड़ों घोटाला किया था और वह जांच में सिद्ध भी हो गया है। उन्हे दोष सिद्ध होने पर कार्यकाल पूर्ण होने से 2 दिन पहले ही हटा दिया था। उनका अभी प्रकरण हाईकोर्ट में चल रहा है। पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष जिनके पास स्कूटी मेंटेनेंस के लिए पैसा नहीं होता था। आज वह कार से घूम रहे हैं और अपना आलीशान मकान बना लिया हैं। इन दोनों पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष के समय प्रारंभ की हुई नर्मदा जल योजना जो कि भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ चुकी है, इसमें सस्ते पाइप खरीदे गए , यह सब जनता के सामने हैं। एक पूर्व पार्षद है जो रेत का अवैध काम करता है। एक पार्टी महामंत्री है जो सट्टे के कारोबार से जुड़ा हुआ है। इन्होंने चुनाव में खुलकर विरोध किया है यह सब अपनी गिरहबान झांक कर देखें तो इन्हें सब पता लग जाएगा कि किसी पर आरोप लगाना क्या होता है। पार्टी के जिम्मेदार पदो पर आसीन लोगो के सामने पार्टी प्रत्याशी का विरोध किया गया इस पर संज्ञान लिया जाना चाहिए।