नर्मदापुरम. बीेते चौबीस घंटों से हो रही लगातार बारिश एवं तवा बांध के गेट खुले हुए होने से जिले में निचले एवं तटीय इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। चारों तरफ पानी-पानी ही दिखा दे रहा है। पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। इधर, खेतों में अत्यधिक मात्रा में पानी जमा होने से धान-सोयाबीन फसल के डूबने से खराब होने की आशंका भी बढऩी शुरू हो गई है। नर्मदा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। खतरे के निशान से एक फीट नीचे थी। डीआरसी केंद्र सिवनी पुल, सांडिया में नर्मदा नदी का पानी खतरे के निशान के करीब पहुंचने की स्थिति में था। सेठानीघाट पर नर्मदा का जल स्तर 962.20 फीट पर चल रहा था। खतरे का निशान 967 फीट है। प्रशासन ने बारिश जारी रहने पर अगले चार-पांच घंटों में ही चार फीट पानी के बढऩे की संभावनाएं जताई है। बाढ़ के हालात से इंकार नहीं किया है। दोपहर तक ये हालात बन सकते हैं। ग्राम ग्राम बिसोनी कला में 10लोगों के फ से होने की सूचना है। सूचना प्राप्त होते ही पीसी अमृता दीक्षित के हमराह 6 सदस्यीय टीम रवाना की गई है। घटना स्थल की दूरी मुख्यालय की दूरी लगभग 70किमी हैं। मालाखेड़ी-घानाबड़ मार्ग बंद हो गया है। तवा बांध के 13 गेट 10 इंच ऊंचाई पर खुले हुए हैं। जिले में बीते चौबीस घंटों के दौरान 46.65 इंच बारिश दर्ज की जा चुकी है।
पानी चार फीट बढऩे पर बनेंगे बाढ़ के हालात
नर्मदा पुरम सिटी मजिस्ट्रेट संपदा सराफ ने बताया कि नर्मदा का जलस्तर 4 फीट और बढ़ता है तो बाढ़ के हालात बन सकते हैं। बीती रात से ही शहर में साथ राहत केंद्र बनाए गए हैं। नर्मदा महाविद्यालय, एसपीएम कामगार कल्याण केंद्र, ग्वालटोली साधु वासवानी स्कूल और मालाखेड़ी के नालंदा स्कूल को राहत शिविर में बदल दिया गया है। नारायण नगर पुलिया का नाला ओवरफ्लो हो चुका है, हालांकि अभी घरों में पानी घुसने की स्थिति नहीं बनी है। प्रशासन का कहना है कि बाढ़ के हालात पर सतत नजर रखी जा रही है।
जमुनिया में फंसे लोगों को निकाल लिया है
नर्मदा पुरम कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि जिले में अभी बाढ़ की स्थिति नहीं है, ताकि लोगों को राहत शिविरों एवं उच्च स्थान पर शिफ्ट किया जाए। ग्राम जमुनिया में चार लोग बाढ़ के पानी में फंस गए थे, उन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया है। जिले के सभी अनु विभाग क्षेत्र में अधिकारियों और कर्मचारियों को निचले इलाकों और तटीय ग्रामों में अलर्ट कर तैनात किया गया है। होमगार्ड और एसडीआरएफ की टीम भी राहत एवं बचाव कार्य के लिए मुस्तेद है।