नर्मदापुरम। देश के राज्यों में बाघों (tiger)के शिकार और उनके अंगों की तस्करी के मामले में मोस्ट वांटेड(most wanted) इंटरनेशनल बाघ शिकारी टाइगर स्ट्राइक फोर्स के हाथ आ गया है। इस अपराधी को बड़ी मुश्किल से पकड़ा जा सका। इस अपराधी की देश (india)के अलग अलग राज्यों में बाघ के शिकार अथवा उसके अंगों की तस्करी से जुड़े मामले में तलाश थी। स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स मध्यप्रदेश को वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरों भारत सरकार नई दिल्ली से इंटेलिजेन्स इनपुट मिला था। इनपुट के आधार पर 18 अगस्त को विदिशा-सागर राजमार्ग में ग्यारसपुर के पास घेराबंदी कर कुख्यात अंतर्राष्ट्रीय बाघ शिकारी (international tiger hunter) एवं तस्कर आदिन सिंह उर्फ कल्ला बावरिया को पकड़ा गया। ये धरपकड़ इतनी प्लानिंग से हुई कि बाघ तस्कर को भागने का मौका ही नही मिला। उप वन संरक्षक कार्यालय प्रधान मुख्य वनसंरक्षक भोपाल धीरज चौहान ने बताया कि भारत सरकार द्वारा बाघों के शिकार पर जारी अलर्ट पर कार्यवाही करते हुए देश के अलग-अलग प्रदेशों के वन विभाग / पुलिस विभाग ने तमिलनाडू(tamilnadu), महाराष्ट्र(maharashtra), असम(asam), मेघालय में बाघ की खाल व हड्डियों की भारी मात्रा में जप्ती की हैं। बाघ के शिकार एवं तस्करी में लिप्त उत्तर भारत निवासी विशेष शिकारी गिरोह (बावरिया) के कई सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। कार्यवाही से बचने के लिए कल्ला बावरिया मध्यप्रदेश के विदिशा – सागर जिले में डेरा लगाकर रह रहा था। कल्ला बावरिया के विरूद्ध देश के कई राज्यों में तथा पड़ोसी राष्ट्र नेपाल में भी बाघ के शिकार एवं उसके अवयवों की तस्करी के प्रकरण दर्ज है। कल्ला बावरिया की विगत कई वर्षों से कई राज्यों की पुलिस, वन विभाग एवं नेपाल सेन्ट्रल इन्वेटिगेशन ब्यूरो (सीआईबी) (nepal)तलाश कर रही थीं। उक्त कार्यवाही से न केवल मध्यप्रदेश राज्य अपितु संपूर्ण भारत वर्ष में बाघों के संरक्षण एवं सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। बाघ की तस्करी में संलिप्त संगठित अपराध को रोकने की दिशा मे कल्ला बाबरिया की गिरफ्तारी अहम कड़ी सबित होगी। कल्ला बावरिया को विशेष न्यायालय नर्मदापुरम में फॉरेस्ट कस्टडी रिमांड हेतु प्रस्तुत किया गया। कल्ला बावरिया गिरोह के अन्य सदस्यों तथा अपराधों के संबंध में अन्य राज्यो तथा पडोसी राष्ट्र से संपर्क कर जानकारी एकत्रित की जा रही है। प्रकरण में विवेचना जारी है।