प्राकृतिक मौत मरा था चूरना रेंज में टाइगर, शव देखकर आरोपियों ने काट लिया था सिर…

नर्मदापुरम। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (STR)की चूरना रेंज में बाघ(tiger )की गर्दन काटने के मामले ने एसटीआर के अफसरों की नींद उड़ा रखी थी। विभाग की टीम इस मामले की तह तक जाने के लिए जी जान से जुटी थी ताकि बाघ की मौत से जुड़ा सच सामने आ सके। एसटीआर की टीम ने बाघ की गर्दन काटने वाले आरोपियों को पकड़ने के साथ ही इस सच का भी खुलासा कर लिया है कि टाइगर का शिकार नही हुआ था बल्कि उसकी मौत प्राकृतिक थी और आरोपियों ने मृत बाघ का शव देखकर उसकी गर्दन काटी थी। इस कृत्य को अंजाम देने वाले तीन युवकों में से एक ने पहले ही फांसी लगाकर जान दे दी थी। उसके दोनो साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड पर लिया जाएगा।

18 दिन बाद पकड़ाए आरोपी

बाघ का शव मिलने के 18 दिन बाद सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की टीम ने शिकारियों को गुरुवार सुबह गिरफ्तार किया। शिकार के तीनों आरोपी बैतूल जिले के ग्राम धांसई के निवासी है। एक आरोपी मृतक अनीष उइके भी है। जो सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के चूरना में प्रायवेट जिप्सी चलाता था। 2 जुलाई को उसने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया है। गुरुवार को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर संदीप फेलोज के नेतृत्व में आरोपी कमल पिता धान सिंह कुमरे और शुबन पिता शंकर भलावी दोनों निवासी धांसई माल को गिरफ्तार किया। टीम ने कुल्हाड़ी और टाइगर के केनाईन (दांत)भी बरामद किए है। 

प्राकृतिक मौत थी बाघ की

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के अधिकारियों की उस दिन से ही नींद उड़ी हुई थी जिस दिन बाघ सिर कटा धड़ मिला था।बाघ का शिकार कर सिर काटे जाने की चर्चाओं के चलते विभाग भी खासा परेशान था कि तमाम सुरक्षा के बावजूद टाइगर का शिकार कैसे हो गया। फील्ड डायरेक्टर एल कृष्णमूर्ति के मार्गदर्शन में टीम ने हर एंगल पर जांच जारी रखी थी और सिर काटने वालों की धरपकड़ पर ध्यान लगा रखा था। आरोपियों के पकड़ाने के बाद यह बात सामने आई है कि टाइगर की मौत प्राकृतिक थी और उसके शव को देखकर ही आरोपियों ने उसका सिर काट लिया था। 

इनका कहना है

  मृत बाघ की गर्दन काटने वाले आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। जांच में यह बात सामने आई है कि टाइगर का शव पहले से पड़ा था जो उसकी प्राकृतिक मौत का संकेत है। इस शव से गर्दन काटकर आरोपी ले गए थे। आरोपियों को टीम कोर्ट में पेश करेगी और रिमांड मांगेगी।

एल कृष्णमूर्ति,फील्ड डायरेक्टर एसटीआर