नगरपालिका अध्यक्ष और रक्षा अधिकारियों का शहर को बाढ़ से बचाने के प्लान पर मंथन, सीपीई के सामने पुल की कलवर्ट डिजाइन बनाने सीपीई और नगरपालिका लिखेगी एमपीआरडीसी को पत्र…

इटारसी। नगर पालिका अध्यक्ष पंकज चौरे ने नगरपालिका क्षेत्र में पहाड़ी नदियों से आने वाली बाढ़ के मैनेजमेंट के लिए तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत आज रक्षा विभाग के सेंट्रल प्रूफ रेंज (सीपीई ) के कर्नल प्रशासनिक प्रवीण कुमार व अन्य अधिकारियों से मिले। यहां उनसे फ्लड मैनेजमेंट पर लंबी चर्चा हुई। इस दौरान लेफ्टिनेंट कर्नल मनोज घोष, एसएओ पॉल पी जार्ज, मेजर डॉ पीएम पहारिया, स्टोर ऑफिसर देवेंद्र मिश्रा, फूल सिंह तारे मौजूद थे।

इसलिए की बैठक:
नगर पालिका अध्यक्ष पंकज चौरे को सीपीई के अधिकारियों से उनके परिसर में बरसात में पानी जमा होने और अचानक दीवार तोड़कर पानी रिलीज करने से शहर के वार्ड 01,02,04 में आने वाली बाढ़ को रोकने के संबंध में प्लान पर चर्चा करनी थी।
दरअसल, यह शहर में बाढ़ का एक कारण बनता है।
इसके अलावा सीपीई के एक अन्य हिस्से से बहने वाले नाले के गहरीकरण, चौड़ीकरण और उसी नाले के बाहरी हिस्से को भी गहरे और चौड़ी करण पर चर्चा हुई। इसमें पहाड़ी नाले का पानी आता है। कर्नल प्रवीण कुमार ने नपाध्यक्ष को बताया कि उनके परिसर के अंदर के हिस्से में नाले के गहरीकरण की प्रक्रिया वह कर रहे हैं।
नपाध्यक्ष चौरे ने कहा की नाले के बाहरी हिस्से को वह गहरा और चौड़ा कर रहे हैं। साथ ही नाले पर मौजूद अतिक्रमण को हटाने की प्रक्रिया भी करवा रहे हैं।

रोड की पुलिया को कलवर्ट करने लिखेंगे पत्र: कर्नल प्रवीण कुमार ने नगरपालिका अध्यक्ष को बताया कि इटारसी- बैतूल रोड पर सीपीई के सामने मौजूद पुल में दो ही पाइप डले हैं, जिससे बरसात का पानी रुकता है और उनके परिसर में फैलता है। इसलिए उसे कलवर्ट पुल बनाया जाए।
इस पर नपा अध्यक्ष चौरे ने सहमति दी और कहा कि नगरपालिका मप्र सड़क निगम को इसके लिए पत्र लिखेगी। नपा अध्यक्ष ने कर्नल से कहा कि वे भी इसके लिए पत्राचार करें।

मंदिर के पीछे नाले में उतरेंगे सीपीई का पानी:
नगरपालिका अध्यक्ष पंकज चौरे की मांग पर कर्नल प्रवीण कुमार ने बाढ़ के पानी के सीपीई परिसर से डिस्चार्ज करने के लिए व्यवस्था करने की बात की। प्लान बताते हुए कहा कि मंदिर के पीछे नपा के नाले में पाइप डालकर वह पानी छोड़ा जाए, जिससे बरसाती पानी उससे लगातार निकल सके। जिससे पानी स्टोर नहीं होगा और दीवार भी नहीं तोड़नी होगी।

इस पर भी हुई चर्चा:
सीपीई से बाहर जिस नाले से पानी आता है, उसमे लोहे की जाली लगी है, उसमे लकड़ी, कचरा, झाड़ी फंस जाती है।
जिससे पानी रुकता है। नपा अध्यक्ष ने कहा कि एसी व्यवस्था हो की जाली में कचरा न फंसे।

सीपीई भी हो जाती है बाढ़ग्रस्त:
उल्लेखनीय है कि रक्षा विभाग की सीपीई भी बरसाती नाले के कारण बाढ़ ग्रस्त हो जाती है। वर्ष 2022 में सीपीई के प्रशासनिक भवन में भी पानी 3 फीट भरा गया था, जिससे उन्हें बड़ा नुकसान हुआ।