इटारसी। कांग्रेस के आलाकमान माने जाने नेता राहुल गांधी कें साथ हुए नाटकीय घटनाक्रम ने कांग्रेस को अंदर तक हिला दिया है। राहुल गांधी के समर्थन में किए जाने वाले विरोध प्रदर्शन के नाम पर कांग्रेस के नवनियुक्त नगर अध्यक्ष मयूर जायसवाल उन तथाकथित कांग्रेसियों को सड़क तक लाने में कामयाब रहे जो अब तक घर में ही बैठे हुए थे। केरल के वायनाड संसदीय क्षेत्र से सांसद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द किए जाने से भड़की कांग्रेस ने कई सालों में पहली बार अपनी एकजुटता सड़क पर उतरकर दिखाई। शहर की सड़कों पर कांग्रेसियों की भीड़ ने इस बात को साबित किया कि कांग्रेस अभी जिंदा है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपने नेता राहुल गांधी की सदस्यता रद्द किए जाने के विरोध में नगर कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर शहर के बाजार क्षेत्र से रैली निकाली। रैली में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कांग्रेस की यह रैली सिटी थाने पहुंची जहां कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि भारतीय संविधान की मूल प्रस्तावना की अनदेखी कर विधायिका एवं कार्यपालिका द्वारा न्यायपालिका के उद्देश्यों के विपरीत जाकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं वर्तमान केरल प्रांत के वायनाड संसदीय क्षेत्र के सांसद राहुल गांधी की एकतरफा संसद सदस्यता समाप्त करने का विधि विरूद्ध कार्य वर्तमान केंद्र सरकार के दबाव में किया गया है। जिससे देश में ही नहीं वरन पूरे विश्व में भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था की भर्त्सना की जा रही है। देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के सम्मान को बचाने के लिए राष्ट्रपति को मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और उनकी सदस्यता बहाल कराई जानी चाहिए। इस अवसर पर पूर्व मंत्री विजय दुबे काकू भाई, कांग्रेस के पूर्व स्टार प्रचारक रमेश के साहू, पूर्व नगर अध्यक्ष पंकज राठौर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजकुमार उपाध्याय, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष नीलम गांधी रवि जयसवाल, अजय शुक्ला, सीमा भदौरिया, नगर कांग्रेस अध्यक्ष मयूर जयसवाल, पार्षद दिलीपपुरी गोस्वामी, कन्हैया गोस्वामी, प्रतीक मालवीय, गजानन तिवारी, नारायण सिंह ठाकुर राकेश चंदेले सहित अन्य लोग मौजूद रहे।