जमीन विवाद में मामा ने भांजी को मौत के घाट उतारकर नाले में गाड़ दिया था शव, 3 लोगों को आजीवन कारावास की सुनाई कोर्ट ने सजा..

नर्मदापुरम। सोहागपुर में वर्ष 2016 में जमीन विवाद में अपनी भांजी को मौत के घाट उतारकर शव को एक बरसाती नाले में दफनाने वाले मामा और उसके दो साथियों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई भांजी की हत्या करने वाले तीनों आरोपी अब आजीवन जेल में रहेंगे।  न्यायालय संतोष सैनी द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश सोहागपुर द्वारा आरोपी प्रदीप शर्मा पिता जुगल किशोर शर्मा उम्र- 63 वर्ष, निवासी डूडादेह, थाना-सोहागपुर, तहसील सोहागपुर, जिला नर्मदापुरम् को भा.दं.वि की धारा 302/34 में आजीवन कारावास एवं 10,000/- रू अर्थदण्ड, भा.दं.वि की धारा 120 बी में आजीवन कारावास एवं 10,000/- रू अर्थदण्ड भा.दं.वि की धारा 201 में 7 वर्ष का कारावास एवं 5,000/- रू अर्थदण्ड,  भा.दं.वि की धारा 404 में 3 वर्ष का कारावास एवं 5,000/- रू अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। आरोपीगण गोरेलाल एवं राजेन्द्र को भा.दं.वि की धारा 302/34 में आजीवन कारावास एवं 10000-10000/- रू0 अर्थदण्ड भा.दं.वि की धारा120 बी में आजीवन कारावास एवं 10000- 10000/- रू अर्थदण्ड, भा.दं.वि की धारा 201 में 7-7 वर्ष का कारावास एवं 5000- 5000/- रूपए अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। 

प्रकरण में जिला अभियोजन अधिकारी, जिला नर्मदापुरम राजकुमार नेमा ने बताया कि मृतिका लीना शर्मा निवासी राजेन्द्र वार्ड सोहागपुर, जो कि आरोपी प्रदीप शर्मा की रिश्तें में भांजी थी जिसकी पैतिृक कृषि भूमि ग्राम डूडादेह में थी, जिसका सीमांकन लीना शर्मा के द्वारा माह अप्रैल 2016 में किया गया था। सीमांकन के उपरांत मृतिका लीना शर्मा की कृषि भूमि में से 10 एकड़ 41 डेसिमल भूमि आरोपी प्रदीप शर्मा(मृतिका के मामा) के कब्जें में पायी गयी थी। मृतिका लीना शर्मा के द्वारा अपनी उक्त भूमि तार फेंसिंग कराने के लिए प्रताप कुशवाहा से बात हुयी थी और प्रताप कुशवाहा ने उक्त भूमि पर तार फेंसिग करने हेतु सहमति दी थी। घटना दिनांक 29 .04. 2016 को सुबह करीब 10ः00 बजें मृतिका लीना शर्मा,प्रताप कुशवाहा उसके कर्मचारी गंगाराम एवं तुलाराम के साथ मौके पर उपस्थित हुआ था। सीमांकन अनुसार मृतिका लीना शर्मा ने उक्त व्यक्तियों की उपस्थिति में तार फेंसिग करा रही थी वही आरोपी प्रदीप शर्मा एवं उसके कर्मचारी एवं आरोपी राजेन्द्र एवं गोरे लाल भी उपस्थित थे। आरोपी प्रदीप शर्मा नेे मृतिका लीना शर्मा को तार फेंसिग कराने से मना कर दिया था, इसी बात को लेकर आरोपीगणों से मृतिका लीना शर्मा से बाद-विवाद एवं मार-पीट हुए थी। मार -पीट की घटना दूर से प्रताप कुशवाहा एवं उसके कर्मचारीयों ने देखी थी। प्रताप कुशवाहा द्वारा वाद-विवाद एवं मार-पीट की घटना की जानकारी पड़ोसी डेनियल को दी थी। इसके उपरांत लीना शर्मा का कोई पता चल नहीं पा रहा था। आरोपी प्रदीप शर्मा द्वारा दिनांक 05.05. 2016 को थाना सोहागपुर में मृतिका लीना शर्मा की गुम होने की सूचना दर्ज करायी थी। गुम इंसान की जाॅच के दौरान मृतिका लीना शर्मा की काॅल डीटेल एवं साक्षी प्रताप एवं अन्य साक्षीयों के काॅल डिटेल अभियोजन के द्वारा प्राप्त की गयी थी। जिसमें यह तथ्य सामने आया कि मृतिका लीना शर्मा की बात अंतिम बार साक्षी प्रताप एवं आटों ड्रायवर से हुई थी। गुम इंसान जाॅच के दौरान आरोपी गणों को पुलिस अभिरक्षा में लेकर पूछताछ करने पर आरोपीगणों के द्वारा मृतिका लीना शर्मा की हत्या कर उसके शव को कामती- रंगपुर के जंगल के बरसाती नाले में गढ़ाने की जानकारी दी गयी थी। इसके उपरांत पुलिस के द्वारा शव उत्खन्न के संबंध में अनुविभागीय दण्डाधिकारी से अनुमती ली गयी थी एवं नगर परिषद सोहागपुर के कर्मचारियों तहसीलदार सोहागपुर एवं पुलिस अधिकारी कर्मचारियों की उपस्थिति में आरोपी गणों की दी गयी जानकारी के आधार से शव उत्खन्न कराया गया था। शव उत्खन्न कराने पर मृतिका लीना शर्मा का शव नग्न अवस्था एवं सडी अवस्था में पाया गया था। मृतिका के शव के पास से कपड़े एवं अन्य सामान पाया गया था। मृतिका के शव के उपर नमक एवं यूरिया पाया गया था, जिसे की विधिवत पुलिस द्वारा जप्त किया गया था। मृतिका के शव का डीएनए परिक्षण मृतिका की बहन हेमा शर्मा के ब्लड सेंपल से कराया गया था। संपूर्ण विवेचना उपरांत आरोपीगणों को गिरफतार कर न्यायालय के द्वारा आरोपीगणों का विचारण किया गया था। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश सोहागपुर द्वारा आरोपीगणों का दोष सिद्ध पाया गया। आरोपीगणों को सजा हेतु उपजेल पिपरिया भेजा गया ।अभियोजन की ओर से कुल 64 साक्षीयों का परीक्षण कराया गया।अभियोजन की ओर से पैरवी  शंकरलाल मालवीय अपर लोक अभियोजक एवं बाबूलाल काकोड़िया सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी सोहागपुर के द्वारा की गयी। अभियोजन द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज एवं मौखिक/दस्तावेजी साक्ष्य एवं अभियोजन के तर्क से सहमत होते हुए  न्यायालय द्वारा आरोपीगणों को दोषसिद्ध पाया गया।