इटारसी। एनएफआईआर/डब्लयूसीआरएमएस के चरित्र और एआईआरएफ के चरित्र में बहुत अंतर है। देश में पूर्व में हुई तीनों रेल हड़ताल में पहले वे शामिल होने का कहते रहे मगर ऐन वक्त पर अपनी सरकार के आला नेताओं के कहने पर हड़ताल से ना केवल विड्रा किया बल्कि मजदूर आंदोलन की पीठ में छुरा घोंपने की कोशिश की। खुद मलाई खाई, अपने बच्चे नौकरी में भर्ती करवाए और मजदूर आंदोलन के साथ गद्दारी करते रहे, यह उनका चरित्र है। यह लोग जयचंद के खानदानी हैं इसलिए उनका चरित्र बेईमानी का है।
यह बात ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने सतपुड़ा रेस्ट हाउस में पत्रकार वार्ता में कही। वे यहां वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्प्लाइज यूनियन के युवा सम्मेलन में शामिल होने आए थे। उन्होंने डब्ल्यूसीआरएमएस की पत्रकार वार्ता में एआईआरएफ के उमरावमल पुरोहित पर लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि नीति बनाने का काम सरकार करती है। जब न्यू पेंशन स्कीम बनी तब देश में भाजपा की सरकार थी। तत्कालीन वित्त मंत्री ने बिना संगठन से चर्चा किए ही एनपीएस लागू कर दी थी। एआईआरएफ के उमरावमल पुरोहित कोई वित्त मंत्री नहीं थे जिन्होंने एनपीएफ लागू की। जिस बंदे ने कहा कि उमरावमल पुरोहित के हस्ताक्षर हैं इस मामले में तो वे कहीं हस्ताक्षर दिखा दें तो हम अपने साथियों के साथ संगठन की राजनीति से सन्यास ले लेंगे। यह बेईमान लोग हैं। हम जब मजदूर आंदोलन के लिए आगे बढ़ते हैं तो ये लोग कमजोर करने का काम करते आए हैं।
इस बार आरपार की लड़ाई है
महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि हम सरकार से आरपार की लड़ाई लड़ेंगे। एनपीएस खत्म कराने के लिए हम हर स्तर पर लड़ेंगे। अब वह स्थिति आ गई है कि या तो हम नहीं रहेंगे या फिर सरकार नहीं रहेगी। हम उस सरकार का समर्थन करेंगे जो पुरानी पेंशन स्कीम लागू करेगी।
ब्लॉक स्तर से खड़ा होगा आंदोलन
महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि हम राज्यों के कर्मचारी संगठनों के साथ चुनाव वाले राज्यों में जाकर वोटर से निवेदन करेंगे कि जिन्होंने बुढ़ापे का सहारा छीना है उनको वोट ना करें बल्कि जो पुरानी पेंशन बहाल करे उसका साथ दें। हमारा प्रचार गैर राजनीतिक होगा।
यह रहे मौजूद
पत्रकार वार्ता के दौरान जोनल महामंत्री मुकेश गालव, जोनल अध्यक्ष फिलिप ओमन, मंडल अध्यक्ष टीके गौतम, युवा महामंत्री प्रीतम तिवारी, एमके अग्रवाल सहित अन्य पदाधिकारी व सदस्य मौजूद थे।