दिल्ली से मिला एक इनपुट, एक घंटे से ज्यादा ट्रेन रोककर हुई सर्चिंग

नर्मदापुरपम। कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच कावेरी नदी के पानी पर विवाद हो गया है। तमिलनाडु को कावेरी नदी का पानी दिए जाने की मांग को लेकर किसान नेता दिल्ली में आंदोलन करने की तैयारी में हैं। नर्मदापुरम स्टेशन से गुजरने वाली जीटी एक्सप्रेस में भी कुछ किसान संगठन से जुड़े पदाधिकारी हैं जो दिल्ली जाने की फिराक में हैं, ऐसा इनपुट दिल्ली से मिलने के बाद नर्मदापुरम पुलिस सक्रिय हुई और ट्रेन को करीब 70 मिनट तक चेक करने के बाद ६५ से ज्यादा किसानों को ट्रेन से उतारने के बाद गिरफ्तार किया गया। ट्रेन से उतारे जाने के कारण किसानों ने स्टेशन पर हंगामा भी किया।
नर्मदापुरम रेलवे स्टेशन पर पुलिस ने दिल्ली जा रहे किसानों को ट्रेन से उतार दिया। सभी जीटी एक्सप्रेस से जा रहे थे। किसानों ने रोके जाने का विरोध किया। हंगामा भी किया। पुलिस ने किसानों को हिरासत में ले लिया है। तीन बसों से 65 से ज्यादा किसानों को रेलवे स्टेशन से कहीं ले जाया गया है। ऐसी सूचना थी कि जीटी एक्सप्रेस ट्रेन में किसान संगठन के कुछ पदाधिकारी छिपे हुए हैं, इस वजह से ट्रेन को 70 मिनट तक रोकर सर्च किया गया। सिटी मैजिस्ट्रेट चिरामन ने बताया कि यात्रियों को ट्रेन से उतारकर श्रीकुंज गार्डन में ठहराने का मैसेज मिला था। उसी के पालन के लिए किसानों को ट्रेन से उतारा गया है।
दिल्ली से मिला था इनपुट
नेशनल साउथ इंडियन रिवर इंटरलिंकिंग एसोसिएशन तमिलनाडु के अध्यक्ष अय्याकन्नू अपने 114 कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ दिल्ली जा रहे थे। तमिलनाडु को कावेरी नदी का पानी दिए जाने की मांग को लेकर किसान नेता दिल्ली में आंदोलन कर सकते हैं, ऐसा इनपुट मिलने पर दिल्ली पुलिस चेन्नई से इनका पीछा कर रही थी। रविवार को नर्मदापुरम में दिल्ली से मिले इनपुट के आधार पर सभी को उतारा गया। किसान नेता और कार्यकर्ता 27 जुलाई को 12615 जीटी एक्सप्रेस से दिल्ली के लिए रवाना हुए थे। ट्रेन से उतारने को लेकर किसान नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध किया। अध्यक्ष अय्याकन्नू ने कहा कि पुलिस लॉ एंड ऑर्डर का हवाला दे रही है, लेकिन पुलिस ये तो बताए कि हमारे लोगों ने किया क्या है? पुलिस हिरासत में लेना चाहती है, जबकि एसोसिएशन के सदस्य थाने जाकर अपनी शिकायत दर्ज कराना चाहते हैं।

कावेरी नदी के पानी को लेकर तमिलनाडु और कर्नाटक राज्य के बीच तनातनी है। कावेरी का कम पानी छोड़े जाने पर 16 जुलाई को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सर्वदलीय बैठक बुलाकर कर्नाटक सरकार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया। स्टालिन ने कहा, ‘कावेरी जल नियामक समिति (सीडब्ल्यूआरसी) से आग्रह किया गया है कि वे कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) को आदेश दें कि वह कर्नाटक सरकार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत तमिलनाडु को कावेरी का पानी देना सुनिश्चित करें। पानी छोडऩे से इनकार करना तमिलनाडु के किसानों के साथ विश्वासघात है।’