पूर्व पार्षद के भाई को 24 जख़्म मारकर 3 साल पहले उतारा था मौत के घाट, अब हत्यारों को अब अंतिम सांस तक रहना होगा जेल में….

इटारसी। एक पूर्व पार्षद के भाई वीरू उर्फ प्रमोद कनोजिया के हत्याकांड के मामले में न्यायालय ने छह आरोपियों को उम्रकैद की सजा से दंडित किया। शहर में यह सनसनीखेज वारदात करीब साढ़े 3 साल पहले हुई थी। जिसमें पार्षद के भाई के बदन को 24 घाव मारकर छेद दिया गया था। इस घटना ने शहर में दहशत का माहौल बना दिया था। इस मामले का एक आरोपी पूर्व से ही अन्य मामलों में जेल में बंद था तो एक की जमानत नहीं होने से वह भी इसी मामले में जेल में बंद था। इन दोनों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सजा सुनाई गई है। द्वितीय जिला अपर सत्र न्यायाधीश सविता जडिय़ा की अदालत ने सजा सुनाने के बाद चार आरोपियों को भी जेल भेज दिया है। मामले में फरियादी पक्ष के लिए अतिरिक्त जिला लोक अभियोजक भूरेसिंह भदौरिया और राजीव शुक्ला ने पैरवी की है। उन्होंने अदालत से आरोपियों को फांसी की सजा की मांग की थी, लेकिन अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

71 पेज और 12 गवाहों की बदौलत मिली सजा अतिरिक्त जिला लोक अभियोजक भूरेसिंह भदौरिया ने बताया कि मामले में आधा दर्जन आरोपी थे। 71 पेज के दस्तावेज और 12 गवाहों को पेश किया गया था। घटना 21 फरवरी 2019 की है, जब प्रमोद उर्फ वीरू कनोजिया सनखेड़ा नाका स्थित एक पान की दुकान पर अपनी ट्रैक्टर ट्राली का इंतजार कर रहा था। उस वक्त आदिल खान, सिद्धार्थ बड़कुर, अनिकेत पथरोट, सौरभ मैना, अस्सू और वाहिद ने पुरानी रंजिश को लेकर उस पर गाली-गलौच करते हुए चाकुओं से हमला कर दिया। वीरू कनोजिया को वाहिद और अस्सू ने पत्थर और लात घूंसों से भी मारा। प्रमोद के शरीर पर चाकुओं के 24 जख्म मिले थे। उपचार के दौरान उसकी होशंगाबाद अस्पताल में मौत हो गयी थी । फ़ोन पर भाई की मौत की सूचना ने उड़ाए होश कनोजिया पर हमले की खबर सुनील यादव नामक व्यक्ति ने उसके भाई अभिषेक कनोजिया को दी। अभिषेक ने उसे तत्काल ले जाकर दयाल अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे नर्मदा अस्पताल होशंगाबाद ले जाया गया जहां दूसरे दिन 22 फरवरी 2019 की सुबह 6 बजे उसकी मौत हो गयी। मामले में एक अन्य नीलेश मालवीय भी घायल हुआ था। दूसरे दिन ही गिरफ्तारी पुलिस ने मामले के छह आरोपियों आदिल खान, सिद्धार्थ बड़कुर, अनिकेत पथरोट, सौरभ मैना, अस्सू और वाहिद को 23 फरवरी 2019 को गिरफ्तार कर लिया था। इनमें से आदिल की जमानत नहीं हुई थी, वह तभी से जेल में है। एक अन्य आरोपी भी अन्य धारा 307 के अपराध में जेल में है। शेष चार को आज जेल भेजा गया है। पुलिस से झड़प भी हुई। आज मामले का फैसला होना था, तो आरोपी पक्ष के करीब दो सौ लोग अदालत परिसर में मौजूद थे। सजा सुनाने के बाद आरोपियों के परिजन उनसे मिलना चाह रहे थे, इस पर पुलिस के एक सब इंस्पेक्टर के साथ उनकी बहस और झड़प भी हुई है। हालांकि बाद में समझाईश देकर मामला शांत किया गया।